Tuesday, December 7, 2010

पर अब वो मुठ्ठी कहाँ होती है ????

पर अब वो मुठ्ठी कहाँ होती है ??

एक मुठ्ठी नीला आसमान ,
एक मुठ्ठी पीला खलिहान
एक मुठ्ठी चीडियो को दाना
एक मुठ्ठी बागो के फूल
एक मुठ्ठी मिट्टी की धूळ ,
एक मुठ्ठी हंसती सी धूप
...............................
एक मुठ्ठी खाली समय ,
एक मुठ्ठी आवारा नजर ,
एक मुठ्ठी उसका अपनापन,
एक मुठ्ठी मेरा दीवानापन ,
पर अब वो मुठ्ठी कहाँ होती है ????

Wednesday, December 1, 2010

सिर्फ एक आस थी वो ..............


सांवली सी सूरत , मोहिनी सी मूरत थी वो
किसकी बांसुरी , किसी धुन थी वो ,
मीरा की न राधा की न वो ,
कृष्णा की तान न मुरली की ध्यान थी वो ,
किसकी नज़र से देखूं तुझको ,
सुबह की शाम की
सिर्फ एक आस थी वो ..............