Friday, June 7, 2013

.(water is precious :please save it )

अंजुरी का आचमन या पूजा का अर्चन 
बच्चे के कौतुक सा माँ के भीगे आँचल सा 
नदिया के धारों सा या फिर समन्दर के उफानों सा 
कब रोके रुकता है ....
.आँख से हो या दरिया से फिर 
आखिर टूट के बह ही चलता है .........(water is precious :please save it )
नीलम मिश्रा

अब इतने भी सच्चे नहीं सनम तुम

मेरे दिल ने कहा कि ख़ुदा हो तुम 
पर दिमागने कहा, धत तेरे की 

अब इतने भी सच्चे नहीं सनम तुम 

नीलम मिश्रा

short cut .........

short cut .........
उसकी अत्येष्टि पर मै खूब रोया ........आज उसकी पुण्य तिथि पर भी मै बेचैन हूँ .क्या।।।।।।।।।।। प्यार व्यार का कोई चक्कर।।।।।।।।। नहीं यार सोच रहा हूं आखिरकार जिन्दगी में भी short cut मार ही लिया उसने .
नीलम मिश्रा

इरादों का दोष..........

मै और तुम ही न हो सके एक तो ,

फिर इरादों का दोष क्या और कैसे करें 

नीलम मिश्रा

चलो ना ........

तपती देह पर चंद बूंदे 
रिमझिम फुहारों की ,
एक याद 
फिर उस पहली 
बारिश की जब हम तुम
साथ साथ भीगे थे 
दूर कहीं ......
चलो आज भी भीगें 
चलो ना ........

नीलम मिश्रा

जिन्दगी ...................

कभी माँ ने सिखाये थे .
कच्चे टाँके ,पक्के टाँके ,
बखिया और तुरपन का 
इतिहास और महत्व ,
पर आज समझ पा रही हूँ ,
जिन्दगी के रिश्तों में ,
कब लगने हैं कौन से टाँके ,
कब सीना है किस जख्म को कैसे 
और कब बिना किसी पैबंद के पाबन्द 
करनी है जिन्दगी .............

नीलम मिश्रा

Thursday, March 14, 2013

काश जिन्दगी एक कविता ही होती


कितना अच्छा होता  कि
जिन्दगी एक कविता होती .
उसने कहा हँसते हुए .........
जिन्दगी एक कविता  होती 
 तो सारे रस ,छंद ,अलंकार
अपनी मुठ्ठीसे खोलकर 
बिखेर देती  चिडिओं के
उन  दानों की मानिंद जिसमे 
 सब अपने अपने हिस्से के
 सुख और सपने  बटोर लेते
काश   जिन्दगी एक कविता ही होती 
नीलम मिश्रा