अंजुरी का आचमन या पूजा का अर्चन
बच्चे के कौतुक सा माँ के भीगे आँचल सा
नदिया के धारों सा या फिर समन्दर के उफानों सा
कब रोके रुकता है ....
.आँख से हो या दरिया से फिर
आखिर टूट के बह ही चलता है .........(water is precious :please save it )
नीलम मिश्रा
बच्चे के कौतुक सा माँ के भीगे आँचल सा
नदिया के धारों सा या फिर समन्दर के उफानों सा
कब रोके रुकता है ....
.आँख से हो या दरिया से फिर
आखिर टूट के बह ही चलता है .........(water is precious :please save it )
नीलम मिश्रा