Thursday, April 21, 2011

इसकी घडी कभी खराब नहीं होती ??

वो रोज बिना नागा किये आता ,
रोज दुपहरी में छत पर आकर ,
दाना खाता,हमे निहारता ,
मानो पूछता हो कैसी हो ,
सब खैरियत तो है ,
हस देती कितनी फिक्र है तुम्हे .......
एक बात आज तक समझ में नहीं आई ,
इसकी घडी कभी खराब नहीं होती ?????
इसे कभी घड़ीसाज के पास जाते
तो आज तक देखा नहीं

Wednesday, April 13, 2011

उसकी सूरत और सीरत अभी तक एक थी

ये किस दिल की दुआ थी ,
ये किसकी नेमत थी ,

उसकी सूरत और सीरत अभी तक एक थी

Monday, April 4, 2011

मिलने वाले बिछड़ गए

मिलने वाले बिछड़ गए ,

बिछड़े तो किधर गए ,

जाने वो न जाने हम

रास्ते अपने ,मंजिल अपनी ,

अब क्या सोचो कहाँ गए,

मिले कभी ,तो गिला न करना
कहना उनसे सदा यही,

गुजर रहे थे ,
अरे बस यूँ ही ,
बस इधर ही­