क्या अमरों का लोक मिलेगा तेरी करुणा का उपहार
क्या अमरों का लोक मिलेगा तेरी करुणा का उपहार? रहने दो हे देव! अरे यह मेरा मिटने का अधिकार
Monday, September 17, 2012
एक डोरी में ..........
नाजुक एक रूई के फाहे सा
कभी , लोहे के फौलाद जैसा .....
कभी , उलझा होता पर सुलझा कभी ,
एक डोरी में ..........
नीलम मिश्रा
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