Tuesday, July 24, 2012

तुम्हे याद करना चाहती हूँ ..

तुम्हे याद करना चाहती हूँ ..

तुम्हे याद करना चाहती हूँ ..
तुम जान भी नहीं पाते ......
तुम्हारी सारी धडकनों को सुनती हूँ 
याद करती हूँ .........
उन सारी मीठी स्मृतियों को 
जो आज भी इस दिल को
धडकने के बहाने देती हैं ......
आज फिर तुम बहुत याद आये ......
मेरे बिलकुल पास होते हुए भी
न जाने क्यूँ तुम बहुत याद आये
नीलम मिश्रा