Tuesday, September 14, 2010

मासूम सा मन था वो क्यों सोया

त्रिवेणी -कहते हैं शायद इसे

कभी तन्हाईओं में वो गले लगकर इतना रोया


मासूम सा मन था वो क्यों सोया


हिचकियों की आवाजें अभी तक आ रही हैं कहीं दूर से