लाख हो मंजिलें कठिन ,
कितनी भी राहें हो पथरीली ,
हो हौसला आगे बढ़ने का ,
तो हो जायेंगी
हर मुश्किल आसाँ
हर दुस्वार सफ़र
हर पल आसाँ
कर यकीन ,
रख यकीन अपना ,
नहीं ले सकता
तेरी आँखों से
कोई तेरा वो सपना
क्या अमरों का लोक मिलेगा तेरी करुणा का उपहार? रहने दो हे देव! अरे यह मेरा मिटने का अधिकार
Friday, December 16, 2011
Friday, December 2, 2011
पारे की सी आब जो रखता है
दिल दरिया तो कभी समंदर
दिल शीशा तो कभी पत्थर
पारे की सी आब जो रखता है ...............
दिल दर्द दिल दवा
दिल मुजरिम दिल मुंसिफ
मरहम पाने की आस जो रखता है.............
दिल तमाशा दिल प्यासा
दिल दुनिया दिल तिनका
झरोखे की चाह में एक दीवार जो रखता है .............
दिल शीशा तो कभी पत्थर
पारे की सी आब जो रखता है ...............
दिल दर्द दिल दवा
दिल मुजरिम दिल मुंसिफ
मरहम पाने की आस जो रखता है.............
दिल तमाशा दिल प्यासा
दिल दुनिया दिल तिनका
झरोखे की चाह में एक दीवार जो रखता है .............
Thursday, December 1, 2011
पर तुम अपने कपड़े रोज बदलते रहे .......
जो मै कहूँ जरूरी नहीं,
वो तुम सुनो ही
पर कभी तो वो सुनो
जो हम न कह सके ,
इसी उम्मीद में
ऊम्र गुजर गयी
पर तुम कतई
नहीं बदले ..........,
पर तुम अपने कपड़े रोज बदलते रहे ........
वो तुम सुनो ही
पर कभी तो वो सुनो
जो हम न कह सके ,
इसी उम्मीद में
ऊम्र गुजर गयी
पर तुम कतई
नहीं बदले ..........,
पर तुम अपने कपड़े रोज बदलते रहे ........
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