क्या अमरों का लोक मिलेगा तेरी करुणा का उपहार?
रहने दो हे देव! अरे यह मेरा मिटने का अधिकार
Thursday, December 1, 2011
पर तुम अपने कपड़े रोज बदलते रहे .......
जो मै कहूँ जरूरी नहीं, वो तुम सुनो ही पर कभी तो वो सुनो जो हम न कह सके , इसी उम्मीद में ऊम्र गुजर गयी पर तुम कतई नहीं बदले .........., पर तुम अपने कपड़े रोज बदलते रहे ........
kapre badle par soch na badal paya:)
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