क्या अमरों का लोक मिलेगा तेरी करुणा का उपहार
क्या अमरों का लोक मिलेगा तेरी करुणा का उपहार? रहने दो हे देव! अरे यह मेरा मिटने का अधिकार
Tuesday, May 4, 2010
बेमानी नहीं होता
बेमानी नहीं होता
रूह
से
रूह
का
रिश्ता
बेमानी
नहीं
होता
,
कहीं
जंगल
तो
कहीं
पानी
नहीं
होता
,
ये
जो
दरिया
है
या
समंदर
है
,
पुरसुकूं
है
,
वो
तेरे
जाने
से
भी
कभी
खाली
नहीं
होता
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