बाबा झांकी सजायिये ना ,बाबा आपको झांकी सजानी ही पड़ेगी हमे कुछ नहीं पता ,वो बाल -मन ये समझ ही नहीं पाया की बाबा आज बहुत उदास हैं क्यूंकि उनके पोते ,पोती और बेटे बहू ने जो अक्सर उनसे मिलने आते थे ,पिक्चर जाने का प्रोग्राम बनाया है ,और उधर से ही वो लोग घर चले जायेंगे ,बाबा कभी उन लोगों से कुछ नहीं कहते थे ,कभी कोई बात नहीं करते थे बस चुपचाप उनके आने से पहले सारा सामान ला कर रख देते थे ,बाबा से मिलने जाने की बैचैनी बढती जाती थी पर जब तक वो लोग रहते हम हाशिये पर खड़े रहते थे ,और मन ही मन सोचते कि
कब ये लोग जाएँ और हम बाबा के साथ जी भर के बात करें ,पर जब वो लोग होते तो हम दूसरे लोग हो जाते थे ,किरायेदार तो थे हम लोग, पर वो कैसा रिश्ता था हमलोगों का उनसे कोई समझ नहीं सकता .अपने पहले से तय प्रोग्रम के अनुसार वो लोग चले गए और पूरा घर खाली, एक सन्नाटा सा पसर गया ,बाबा बहुत उदास थे हमने समझ लिया था और उनकी उदासी हम ही भगा सकते थे
बाबा अब तो आप झांकी नहीं सजायेंगे हमे पता है आप उदास हैं वो लोग चले गए ना ...........इसलिए .
पर हमलोग तो हैं ना बाबा,आप झांकी सजायिये ना ,बाबा हमारी जिन्दगी का एक अहम हिस्सा थे वो ,गीता पढ़ते और हम भी उनके साथ पढने की कोशिश करते ,
काफी जिद करते और और वो हमारी जिदों को सुनकर या इतना प्यार गैरों से पाकर अपना चेहरा अखबार में छुपा लेते थे .वो अपने आंसू कभी हमे दिखाना नहीं चाहते थे कहीं इतना बड़ा इंसान भी
रोता है कहीं ...........
शाम को एक बार फिर , आप झांकी नहीं सजायेंगे ना ..बाबा कुछ नहीं बोले चुपचाप अखबार पढने का ढोंग करने लगे .
बुझे मन से खाना खाया और सो गए ....
रात के १२ बजे हमे उठाया गया और ले जाया गया,हमारे आश्चर्य की कहीं कोई सीमा नहीं थी वहाँ पर आरती हो रही थी,झांकी भीसजी हुई थी ......
भये कृष्ण कृपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी
बाबा सिर्फ हमे देख रहे थे उन्होंने पूरी आरती में एक बार भी कृष्ण भगवान् को नहीं देखा
पूरे घर में जैकार लग रही थी बोलो बांके बिहारी की ,बोलो यशोदा मैया की ,बोलो नन्द गोपाल की वो छोटी सी लड़की जोर से बोली, बोलो बजरंगबली की जय..............
बाबा और वो हस दिए
बाबा का नाम था बजरंग बली तिवारी और उस लड़की का नाम था .............................
बाबा आज इस दुनिया में नहीं है ,आखिरी वक़्त ये लड़की उनके पास नहीं थी ................
पर आज भी नहीं भूली उन्हें और न ही जैकारा लगाना उनके नाम का
तो जन्माष्टमी के पावन पर्व पर आप भी मेरे साथ बोलिए
" बजरंगबली की जय"