थोड़ी तारीफ़ भी रखना सीखो अपने दामन में
थोड़े गम भी देना सीखो अपने दामन से .......
जिन्दगी का व्यापार करना कब सीखोगी तुम
थोड़े गम भी देना सीखो अपने दामन से .......
जिन्दगी का व्यापार करना कब सीखोगी तुम
क्या अमरों का लोक मिलेगा तेरी करुणा का उपहार? रहने दो हे देव! अरे यह मेरा मिटने का अधिकार