क्या अमरों का लोक मिलेगा तेरी करुणा का उपहार?
रहने दो हे देव! अरे यह मेरा मिटने का अधिकार
Friday, December 16, 2011
कोई तेरा वो सपना
लाख हो मंजिलें कठिन , कितनी भी राहें हो पथरीली , हो हौसला आगे बढ़ने का , तो हो जायेंगी हर मुश्किल आसाँ हर दुस्वार सफ़र हर पल आसाँ कर यकीन , रख यकीन अपना , नहीं ले सकता तेरी आँखों से कोई तेरा वो सपना
सही बात।
ReplyDeleteवाह ...बहुत खूब
ReplyDeleteखुद पर ऐतबार हो तो सपने खिलते हैं ....
ReplyDeletesapne hote hain apne......:)
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