क्या अमरों का लोक मिलेगा तेरी करुणा का उपहार
क्या अमरों का लोक मिलेगा तेरी करुणा का उपहार? रहने दो हे देव! अरे यह मेरा मिटने का अधिकार
Sunday, September 16, 2012
या खुदा .........
या खुदा .........
.
वो राहगीर था मेरी तरह
उसे मंजिल उसकी मिले
मुझे मंजिल अपनी
चाहे हो राहें जुदा- जुदा
या खुदा .........
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