क्या अमरों का लोक मिलेगा तेरी करुणा का उपहार? रहने दो हे देव! अरे यह मेरा मिटने का अधिकार
:)किसी नन्हे से फ़रिश्ते की दुआ शायद.....जो अब तक सूरत और सीरत एक सी हैं...
:)
ReplyDeleteकिसी नन्हे से फ़रिश्ते की दुआ शायद.....
जो अब तक सूरत और सीरत एक सी हैं...