Saturday, June 18, 2011

पिता का नाम है ..............

कठिनतम क्षणों में रोज पूरी तरह संघर्ष` की कोशिश ,
पिता का नाम है ..............
जिन्दगी को खुशनुमा बनाने की पूरी नाकामयाब कोशिश ,
पिता का नाम है ..........
अपने घोसलों से अपने परिंदों को सबसे ऊंची उड़ान भरते देखना
पिता का नाम है ..........
अपने थके कन्धों पर बेटियों की डोली उठाने की कोशिश
पिता का नाम है ..........
अपने आसरे से बे-आसरा होने पर भी सबको प्यार के दो शब्द
पिता का नाम है ..........
रोज तिल -तिल कर मरते हुए भी जीते रहने की कवायद करना
शायद ये भी..............................
पिता का ही नाम है

2 comments:

  1. पिता के बारे में कम ही लोग लिखते हैं..

    खुद पिता तक नहीं लिखते...


    आपने एक माता होकर लिखा..

    पढ़कर बहुत अच्छा लगा...


    अपने घोसलों से अपने परिंदों को सबसे ऊंची उड़ान भरते देखना


    बहुत सुहाना सपना ..

    हर माता पिता का..

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