Thursday, January 19, 2012

चिड़ियों को दाने बच्चों को गुडधानी दे मौला ................

या अल्लाह ये मासूमियत बनी रहे

छोटी सी मासूम सी
वो लड़की घर से आने की जिद में ,माँ से जल्दी करने को कहती है ,आज उसे tution की क्लास में दूसरा दिन है ,उसे लगता है कि देर हो जायेगी और शायद मैम उसे गुस्सा करेंगी या फिर पढ़ाने को मना कर देंगी ,वो माँ को जल्दी करने को कहती है ,और उस बाल मन की समझ से अप्रतायशित देर होते देख कर उसकी आँख में आंसू आ जाते है , उसके दूध से सफ़ेद गालों पर दोनों तरफ बनी काली लकीरें अहसास करा देती हैं की वो सीधे रोती हुई घर से आ रही है ,मेरे पूछने पर वो धीरे से सब बता देती है ,और मेरे दिल से सिर्फ दुआ निकलती हैं इन मासूम बच्चों के लिए............................................................ या अल्लाह इन की मासूमियत बनी रहे ,


चिड़ियों को दाने बच्चों को गुडधानी दे मौला ...................निदाफाजली

5 comments:

  1. बच्चों की मासूमियत बनी रहे तो ही अच्छा है ...

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  2. samay kee pabandi bhi bani rahe. Teachers ka lihaaj karna bhi bana rahe. Sundar likha neelam ji.

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  3. mera bas chale to bachchon par se har jimmewaari khatm kar doon....

    :)

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  4. बचपन हर गम से अनजाना होता है।

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