Wednesday, September 26, 2012

मै भी उनकी तरह तनहा हूँ

.इतनी बारिश पहले कभी नहीं देखी....
बरसते बरसते थक कर थोड़ी सांस लेते हैं .
और घर के ठीक ऊपर आकर ठहर जाते हैं .
मै हाथ बढ़ाकर बादलों को थाम लेता हूँ 
चलो अब आये हो कुछ वक़्त गुजार के जाना ...

उन्हें कैसे मालूम कि मै भी उनकी तरह तनहा हूँ 
नीलम मिश्रा

2 comments:

  1. सुंदर , दिलचस्प मनोभाव .. मेरे भी ब्लॉग पर आये

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