Thursday, April 21, 2011

इसकी घडी कभी खराब नहीं होती ??

वो रोज बिना नागा किये आता ,
रोज दुपहरी में छत पर आकर ,
दाना खाता,हमे निहारता ,
मानो पूछता हो कैसी हो ,
सब खैरियत तो है ,
हस देती कितनी फिक्र है तुम्हे .......
एक बात आज तक समझ में नहीं आई ,
इसकी घडी कभी खराब नहीं होती ?????
इसे कभी घड़ीसाज के पास जाते
तो आज तक देखा नहीं

2 comments:

  1. उसकी घड़ी तो नीले आसमान पर टंगी है। कभी खराब नहीं होती।
    ...बहुत अच्छी कविता।

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  2. bulful felin bout nature calling time nice one

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