तुम क्यूँ समझोगे ?????
कितनी बार मना किया ,
कि
ऐसे नहीं करते
कि
कभी किसी पर भी
बेवजह फब्तियां नहीं कसते
पर
तुम तो तुम थे ,
सुधरने की भी कोई गुज्जाइश कहाँ थी ??
सोचती रही ,
शायद आज नहीं तो कल तुम समझ जाओगे
कि
हम सब एक ईश्वरीय अंश हैं ,
सब ईश्वर
कि
एक श्रेष्ठ कृति हैं ,
पर तुम्हारे अहम औए तुम्हारे झूठे स्वाभिमान ने
तुम्हे शायद स्वयम सीखा दिया
कि
" अहम ब्रह्मास्मि "
अब तुम्हे कौन समझाए
कि
ब्रह्मा जी ने भी गलतियाँ तो की ही थी ...........
तुम्हारे अहम औए तुम्हारे झूठे स्वाभिमान ने
ReplyDeleteतुम्हे शायद स्वयम सीखा दिया
कि
" अहम ब्रह्मास्मि "
अब तुम्हे कौन समझाए
कि
ब्रह्मा जी ने भी गलतियाँ तो की ही थी ........superb , behtareen rachna
sudharne ki gunjaaish sabme hoti hai..........good di
ReplyDeleterashmji ji ...........shukriya aap aise hi hausa badhaate rahiye .
ReplyDeletethanks,with love to rashmi .............
" अहम ब्रह्मास्मि "
ReplyDeletekya kahne hain:)
bahut sahi baat!!